Friday, September 21, 2012

THE INTUITION


ये करीब दस  साल पहले की बात है  | तब मैं बाठला सोसाइटी ,  दिल्ली में रहता था | हमारे पड़ोस में कक्कड़ परिवार रहता था | बहुत ही सज्जन पति पत्नी थे और हमारे से बहुत मधुर सम्बन्ध थे |मेरी पत्नी वंदना से श्रीमती कक्कड़  की बहुत बनती थी | उन दिनों उन के घर फिरोजपुर से कुछ मेहमान आए हुए थे |
       
उस दिन सुबह करीब बजे सोते हुए , अचानक मैंने एक दृश्य देखा  की  एक शव को अम्बुलेंस से उतारा जा रहा है , कुछ लोग रो रहे हैं , कुछ लोग  मृतक  महिला के बारे में बातें कर रहे हैं |
मैं घबरा कर उठ बैठा , मेरा सारा शरीर पसीने पसीने था |  मैंने अपनी पत्नी वंदना को उठाया  और इस दृश्य के बारे में बताया | उन को पता था की जब भी में सुबह बजे ये दृश्य देखता हूँ , तो वो घटना सच हो कर रहती है | हम दोनों ड्रा इंग रूम में आकर बैठ गए और आने वाली किसी दुर्घटना के बारे में सोचते रहे |
  सुबह करीब बजे घर की डोर बेल बजी | दरवाजे पर कक्कड़ साहब थे , बोले आप की कार मेरी कार के पीछे खड़ी है , आप अपनी कार की चाबी मुझे दें , तो आपकी कार को हटा कार अपनी कार निकाल लूँगा , मुझे अभी अपने रिश्तेदारों को स्टेशन छोड़ने जाना है | मैंने कहा की मैं अभी खुद ही अपनी कार निकाल देता हूँ  , तो उन्होंने सख्ती से कहा की , देर हो जाएगी , आप चाबी  मुझे ही दे दो | मुझे कुछ अजीब सा लगा , लेकिन मैंने अपनी कार की चाबी उन को दे दी |
दिन में मैं अपने ऑफिस  चला   गया  , लेकिन दिन  भर भरबेचैनी सी  मन में रही , किसी अनहोनी  के होने की आशंका रही |
     
शाम को घर पहुंचा  तो वंदना ने बताया की कक्कड़ परिवार के रिश्तेदार सवेरे जिस कार से गए  थे , उस का अम्बाला  के पास एक्सिडेंट हो गया  और कार में बैठी एम् महिला रिश्तेदार की मृत्यु हो गई 
 थी
     मेरा उस दिन सवेरे देखा  दृश्य सच हो गया था |
राजीव

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