ये करीब दस साल पहले की बात है | तब मैं बाठला सोसाइटी , दिल्ली में रहता था | हमारे पड़ोस में कक्कड़ परिवार रहता था | बहुत ही सज्जन पति पत्नी थे और हमारे से बहुत मधुर सम्बन्ध थे |मेरी पत्नी वंदना से श्रीमती कक्कड़ की बहुत बनती थी | उन दिनों उन के घर फिरोजपुर से कुछ मेहमान आए हुए थे |
उस दिन सुबह करीब ४ बजे सोते हुए , अचानक मैंने एक दृश्य देखा की एक शव को अम्बुलेंस से उतारा जा रहा है , कुछ लोग रो रहे हैं , कुछ लोग मृतक महिला के बारे में बातें कर रहे हैं |
उस दिन सुबह करीब ४ बजे सोते हुए , अचानक मैंने एक दृश्य देखा की एक शव को अम्बुलेंस से उतारा जा रहा है , कुछ लोग रो रहे हैं , कुछ लोग मृतक महिला के बारे में बातें कर रहे हैं |
मैं घबरा कर उठ बैठा , मेरा सारा शरीर पसीने पसीने था | मैंने अपनी पत्नी वंदना को उठाया और इस दृश्य के बारे में बताया | उन को पता था की जब भी में सुबह ४ बजे ये दृश्य देखता हूँ , तो वो घटना सच हो कर रहती है | हम दोनों ड्रा इंग रूम में आकर बैठ गए और आने वाली किसी दुर्घटना के बारे में सोचते रहे |
सुबह करीब ६ बजे घर की डोर बेल बजी | दरवाजे पर कक्कड़ साहब थे , बोले आप की कार मेरी कार के पीछे खड़ी है , आप अपनी कार की चाबी मुझे दें , तो आपकी कार को हटा कार अपनी कार निकाल लूँगा , मुझे अभी अपने रिश्तेदारों को स्टेशन छोड़ने जाना है | मैंने कहा की मैं अभी खुद ही अपनी कार निकाल देता हूँ , तो उन्होंने सख्ती से कहा की , देर हो जाएगी , आप चाबी मुझे ही दे दो | मुझे कुछ अजीब सा लगा , लेकिन मैंने अपनी कार की चाबी उन को दे दी |
सुबह करीब ६ बजे घर की डोर बेल बजी | दरवाजे पर कक्कड़ साहब थे , बोले आप की कार मेरी कार के पीछे खड़ी है , आप अपनी कार की चाबी मुझे दें , तो आपकी कार को हटा कार अपनी कार निकाल लूँगा , मुझे अभी अपने रिश्तेदारों को स्टेशन छोड़ने जाना है | मैंने कहा की मैं अभी खुद ही अपनी कार निकाल देता हूँ , तो उन्होंने सख्ती से कहा की , देर हो जाएगी , आप चाबी मुझे ही दे दो | मुझे कुछ अजीब सा लगा , लेकिन मैंने अपनी कार की चाबी उन को दे दी |
दिन में मैं अपने ऑफिस चला गया , लेकिन दिन भर भरबेचैनी सी मन में रही , किसी अनहोनी के होने की आशंका रही |
शाम को घर पहुंचा तो वंदना ने बताया की कक्कड़ परिवार के रिश्तेदार सवेरे जिस कार से गए थे , उस का अम्बाला के पास एक्सिडेंट हो गया और कार में बैठी एम् महिला रिश्तेदार की मृत्यु हो गई
शाम को घर पहुंचा तो वंदना ने बताया की कक्कड़ परिवार के रिश्तेदार सवेरे जिस कार से गए थे , उस का अम्बाला के पास एक्सिडेंट हो गया और कार में बैठी एम् महिला रिश्तेदार की मृत्यु हो गई
थी |
मेरा उस दिन सवेरे देखा दृश्य सच हो गया था |
मेरा उस दिन सवेरे देखा दृश्य सच हो गया था |
राजीव
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